मुहावरे एवं लोकोक्तियां
ऐसे वाक्यांश जो सामान अर्थ के प्रति इतना करा कर किसी विशेष अर्थ का बोध कराएं मुहावरे कहलाते हैं।म्हारो के प्रयोग से भाषा में सरसता सरलता लाले लाले तथा प्रभात की सृष्टि होती है। विचारों अथवा भावों को प्रकट करने में इनसे बड़ी सहायता मिलती है। मुहावरों का प्रयोग भाषा की प्राणशक्ति को भी प्रकट करता है।
मुहावरे की विशेषताएं
- मुहावरा वाक्य बाहर कभी नहीं जाता जैसे आकाश पाताल एक करना इसमें कोई विलक्षण विशेष अर्थ जगत नहीं हुआ। इसके विपरीत कोई यह कहे कि मैंने परीक्षा में सर्वप्रथम रहने के लिए आकाश पाताल एक कर दिया। इससे वाक्य के अर्थ में लक्षण ता लालित्य चमत्कार इत्तादी उत्पन्न हो गया।
- मुहावरों का शब्दार्थ ना लेकर उनका विलक्षण अर्थ ग्रहण किया जाता है।
- मुहावरों का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है।
- मुहावरों का वास्तविक स्वरूप कभी नहीं बदलता जैसे आंख का तारा के स्थान पर लोचन का तारा का प्रयोग नहीं किया जा सकता पांच हिंदी के अधिकतर मुहावरों का संबंध शरीर के विभिन्न अंगों से होता है।
लोकोक्तियों की उपयोगिता
लोकोक्तियां अथवा कहावतें किसी कहानी अथवा चिर सत्य के आधार पर बने हुए पूरे वाक्य के रूप में होती है। इसमें जीवन का विस्तृत अनुभव समाविष्ट होता है। इनके प्रयोग से भाषा अधिक सौंदर्य युक्त स्पष्ट तथा जानदार हो जाती है। किसी बात के स्पष्टीकरण के लिए यह बड़ी उपयोगी होती है।मुहावरे तथा लोकोक्ति में अंतर
बहुत से लोग मुहावरे तथा लोकोक्तियां कोई अंतर ही नहीं समझते दोनों का अंतर निम्नलिखित बातों से स्पष्ट है- मुहावरे वास्तव में शब्दों के लाक्षणिक प्रयोग होते हैं पर लोकोक्तियां किसी कहानी अथवा शीर्षक के आधार पर बने हुए पूरे वाक्य के रूप में होती हैं।
- मुहावरे का प्रयोग वाक्यों के अंतर्गत ही हो सकता है। परंतु लोकोक्तियों का प्रयोग पूर्णता। स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है मुहावरे।
- मुहावरों का वाक्य से निकाल देने पर उसका सौंदर्य बहुत कुछ नष्ट हो जाता है। परंतु लोग कुत्ते निकाल देने पर ऐसा नहीं होता। इस बात को यूं भी कह सकते हैं कि मुहावरे वाक्य का अंश होता है। स्वतंत्र रूप से उसे व्यवहार में नहीं लिया जा सकता पर लोकोक्ति स्वतंत्र वर्क होती है तथा अपना स्वतंत्र अर्थ रखती है। किसी कथन की पुष्टि करने के लिए उदाहरण के रूप में उसका अलग से प्रयोग किया जा सकता है।