प्रश्न - एकांकी किसे कहते हैं।
- उत्तर - एक अंक में समाप्त हो जाने वाली तथा समय, स्थान और कार्य की संगति का निर्वाह करने वाली नाट्य को 'एकांकी' कहते हैं। यह घटना और कुछ पात्र प्रधान एक अंकीय रचना एकांकी कहलाती है।
प्रश्न - हिन्दी एकांकी का जनक किसे माना जाता है?
- उत्तर - हिन्दी - एकांकी का जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र को माना जाता है। उनकी 'अंधेर नगरी' तथा 'प्रेम - योगिनी' आदि रचनाएँँ हिन्दी की प्रारंभिक एकांकी माने जाते हैं।
प्रश्न - एकांकी के तत्व कौन से हैं?
- उत्तर - एकांकी के प्रमुख तत्व हैं - कथावस्तु, पात्र या चरित्र चित्रण, संवाद, देशकाल - वातावरण, संकलन - त्रय, अभिनेयता, रंग - संकेत तथा उद्देश्य।
प्रश्न - संकलन - त्रय किसे कहते हैं?
- उत्तर - एकांकी में समय, स्थान और कार्य की सुसंगति (निर्वाह) को 'संकलन -त्रय, कहा जाता है। एक ही स्थान में एक ही कार्य (घटना) का एक ही समय में पूरा होना एकांकी में आवश्यक होता है।
प्रश्न - एकांकी की परिभाषा दीजिए।
- उत्तर - एकांकी एक अंक का नाटक होता है। इसमें एक से अधिक दृश्य हो जा सकते हैं। यह नाटक से सम्बनि्धत होते हुए भी अपना स्वतंत्र असि्तत्व रखता है। एकांकी में एक ही घटना होती है। इसमें कई गौण प्रसंग नही रहता है। पात्रों की संख्या सीमित रहती है। कथावस्तु स्पष्ट और कौतूहल पूर्ण रहती है। इसमें अभिनेयता प्रधान होता है। संवाद संक्षिप्त, चुस्त या पैने और प्रभावोत्पादक होते हैं। एकांकी की परिभाषा देते हुए कहा गया है - "एकांकी साहित्य की नाट्य - प्रधान लोकप्रिय विधा है, जो मानव - जीवन के एक पक्ष, एक चरित्र और एक उद्देश्य की कलात्मक अभिव्यंजना है।"
प्रश्न - समस्या - एकांकी किसे कहते हैं?
- उत्तर - जिस एकांकी में किसी सामाजिक, राजनैतिक, नैतिक आदि समस्या को प्रस्तुत किया जाता है, उसे 'समस्या - एकांकी' कहा जाता है।
प्रश्न - भारतेन्दु - युग के प्रमुख एकांकीकारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - भारतेंदु - युग के प्रमुख एकांकी कारक हैं - भारतेन्दु, हरिश्चंद्र, राधाचरण गोस्वामी, देवकीनंदन त्रिपाठी, और किशोरी लाल गोस्वामी।
प्रश्न - द्विवेदी - युग के चार एकांकीकारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - द्विवेदी - युग के चार एकांकीकार है - बद्रीनाथ भट्ट, रामसिंह वर्मा, रूपनारायण सिंह, पाण्डेय बेचन शर्मा 'उग्र,
प्रश्न - हिन्दी का प्रथम 'आधुनिक एकांकी' किसे माना जाता है?
- उत्तर - हिन्दी का प्रथम 'आधुनिक एकांकी' प्रसाद जी के 'एक घुँट' को माना जाता है।
प्रश्न - प्रसादोत्तर - युग के चार एकांकीकारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - प्रसादोत्तर युग के चार एकांकीकार है - (1) डॉ. रामकुमार वर्मा, (2) उदयशंकर भट्ट, (3) लक्ष्मीनारायण मिश्र, (4) सेठ गोविंददास।
प्रश्न - स्वातंत्र्योत्तर काल के चार प्रमुख एकांकीकारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - स्वातंत्र्योत्तर काल के चार प्रमुख एकांकीकार है - (1) विष्णु प्रभाकर, (2) विनोद रस्तोगी, (3) धर्मवीर भारती, (4) आरसी प्रसाद सिह।
प्रश्न - हिन्दी के प्रमुख एकांकीकारकों के नाम बताइए।
- उत्तर - हिन्दी के प्रसिद्ध एकांकी लेखकों में (1) उपेंद्रनाथ 'अश्क' (2) डॉ. लक्ष्मीनारायण लाल, (3) मोहन राकेश, (4) डॉ. धर्मवीर भारती, (5) विष्णु प्रभाकर, (6) डॉ. रामकुमार वर्मा, (7) सेठ गोविंददास, (8) हरिकृष्ण 'प्रेमी', (9) विनोद रस्तोगी, (10) जगदीशचंद्र माथुर, (11) उदयशंकर भट्ट आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न - 'एकांकी' और 'रेडियो नाटक' में अंतर स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर - 'एकांकी' उस विधा को कहते हैं, जिसमें रचनाकार किसी एक उद्देश्य, भाव या घटना को एक ही अंक में प्रस्तुत करता है। इस विधा की रचना रंगमंच पर अभिनय द्वारा प्रस्तुत करने के उद्देश्य की जाती है। 'रेडियो नाटक' वह विधा है, जिसे ध्वनियों और संवादों के माध्यम से रेडियो पर प्रस्तुत करने के लिए लिखा जाता है।
प्रश्न - शैली की दृष्टि से एकांकी के प्रकारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - (1) स्वप्न रूपक (फैंटेसी), (2)प्रहसन, (3) काव्य एकांकी, (4) रेडियो रूपक।
प्रश्न - हिन्दी के एकांकीकारों और उनकी एक - एक एकांकी का नाम लिखिए।
- उत्तर -
एकांकीकार एकांकी
- जयशंकर प्रसाद - एक घूंट
- उदय शंकर भट्ट - नए मेहमान
- डॉ. रामकुमार वर्मा - दीपदान
प्रश्न - हिन्दी के चार रेडियो - नाटककारों के नाम लिखिए।
- उत्तर - चार रेडियो नाटककार है - उदय शंकर भट्ट, विष्णु प्रभाकर, उपेंद्रनाथ 'अश्क', चिरंजीत।
प्रश्न - नाटक और एकांकी में अंतर लिखिए।
- उत्तर - नाटक और एकांकी में प्रमुख अंतर निम्नलिखित है -
- नाटक में अनेक अंक होते हैं, एकांकी में एक।
- नाटक में अनेक पात्र होते हैं, एकांकी में कुछ एक।
- नाटक में अनेक घटनाएँँ होती हैं, एकांकी में एक।
- नाटक में मंचन में बहुत समय लगता है, एकांकी में कम।
- नाटक के अनेक उद्देश्य होते हैं, एकांकी का एक।
