स्वच्छ भारत अभियान

प्रस्तावना

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा देश को स्वच्छता के प्रतीक के रूप में पेश करना है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी के द्वारा देखा गया था जिसके संदर्भ में गांधी जी ने कहा कि स्वच्छता स्वतंत्रता। से ज्यादा जरूरी है उनके अपने समय में वह देश की गरीबी और गंदगी से अच्छा से अवगत थे इसी वजह से उन्होंने अपने सपनों को पाने के लिए कई सारे प्रयास किए। लेकिन सफल नहीं हो सके जैसा कि उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था। उन्होंने कहा कि निर्मलता और स्वच्छता दोनों ही स्वास्थ्य और शांतिपूर्ण जीवन का अनिवार्य भाग है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत आजादी के 72 साल बाद भी इन दोनों लक्ष्यों से काफी पीछे है।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है?

स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। यह एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्ण तरह स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिए महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 145 वे जन्मदिवस को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर 2019 बापू के 150वीं जन्म दिवस तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत

अपने उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिए। भौतिक मानसिक सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। यह सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरू। किया जा सकता है यहां नीचे कुछ बिंदु उल्लेखित किए जा रहे हैं जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को देखते हैं।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन सहित लगभग सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.5 लाख सार्वजनिक शौचालय 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराना है। सामुदायिक शौचालय के निर्माण की योजना रिहायशी इलाकों में की गई है। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम को 5 वर्षों के अंदर 2019 तक पूरा करने की योजना है इसमें ठोस कचरा प्रबंधन की लागत लगभग। 7366 करोड़ रुपए है। 1828 करोड़ जन सामान्य को जागरूक करने के लिए है 655 करोड रुपए समुदायिक शौचालयों के लिए। 4165 करोड़ निजी घरेलू शौचालयों के लिए आदि।

ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन

ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसा अभियान है जिसमें ग्रामीण भारत में स्वच्छता कार्यक्रम को अमल में लाना है। ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिए 1999 में भारतीय सरकार द्वारा इससे पहले निर्मल भारत अभियान (जिसको पूर्ण स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है) की स्थापना की गई थी। लेकिन अब इसका पुनर्गठन स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के रूप में किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को खुले में शौच करने की मजबूरी से रोकना है। इसके लिए सरकार ने 110000000 195000 मान के लिए एक लाख 34 हजार करोड़ की राशि खर्च करने की योजना बनाई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहे लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना

2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई के लिए लोगों को प्रेरित करना जरूरी साफ-सफाई की सुविधाओं को निरंतर उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज संस्थान समुदाय आदि को प्रेरित करते रहना चाहिए।

सात स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान

यह अभियान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहां कई सारे स्वच्छता क्रियाकलाप आयोजित किए गए। जैसे विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा इससे संबंधित महात्मा गांधी की शिक्षा स्वच्छता और स्वास्थ्य विज्ञान के विषयों पर चर्चा स्वच्छता। क्रियाकलाप।

 उप संहार

इस तरह। हम कह सकते हैं कि 2019 तक भारत को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान एक स्वागत योग्य कदम है जैसे कि हम सभी ने कहावत में सुना है। स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि अगर भारत की जनता द्वारा प्रभावी रूप से इसका अनुसरण किया गया तो आने वाले चंद वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सावन जाएगा।
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