रीतिकाल
प्रश्न - रीतिकाल की अवधि क्या है?
- उत्तर - हिंदी साहित्य में संवत 1700 से उन्नीस सौ तक का काल रीतिकाल कहलाता है।
प्रश्न - रीतिकाल को रीतिकाल क्यों कहा जाता है?
- उत्तर - रीतिकाल के कवि राज दरबारों के आश्रय में रहकर श्रृंगारिक कविता करने लगे। इस युग की रचनाएं प्रायः काव्यशास्त्र के लक्षणों रस, छंद, अलंकार आदि को समझाने के लिए लिखी गई, इसलिए इन्हें रीति ग्रंथ कहते हैं और इस काल को रीतिकाल कहते हैं।
प्रश्न - रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
- उत्तर - रीतिकाल की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं - रीतिकाल के काव्य में श्रृंगार रस की प्रधानता है इस काल में नायक नायिका भेद शरद ऋतु वर्णन बारहमासा आदि का मुख्यतः वर्णन किया गया है इस काल में लक्षण ग्रंथों की प्रधानता रही है इस युग के कवि आचार पहले हैं कभी बाद में हैं इस काल में अलंकारों का विशेष प्रयोग मिलता है काव्य में यह नीति वचन और सूक्तियां की अधिकता है प्रबंध एवं मुक्तक दोनों रूपों में कब रचना हुई दोहा कविता तथा सवैया छंदों का अधिक प्रयोग किया गया इस काल में ब्रजभाषा की काव्य की प्रमुख भाषा रही इस काल में कला पक्ष को अधिक महत्व दिया गया प्राकृतिक का उद्दीपन रूप में वर्णन किया गया है।
प्रश्न - रीतिकाल के प्रसिद्ध कवियों के नाम लिखिए?
- उत्तर - रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि हैं - देव, मतिराम, बिहारी, केशवदास, सेनापति, पद्माकर, भूषण, घनानंद, आदि।
प्रश्न - रीतिकाल के प्रमुख कवियों एवं उनकी प्रसिद्ध रचनाओं के नाम लिखिए?
- उत्तर - कवि रचनाएँ
- बिहारी लाल बिहारी सतसई
- केशवदास रामचंद्रिका
- सेनापति कवित्त - रत्नाकर
- मतिराम फूल मंजरी
प्रश्न - रीतिकाल की मुख्य धाराओं के नाम लिखिए?
- उत्तर - रीतिकाल की मुख्य धाराएं है -
- रीतिबद्ध काव्य धारा तथा
- रीतिमुक्त काव्यधारा।
प्रश्न - रीतिकाल के प्रमुख आचार्य कवियों के नाम लिखिए?
- उत्तर - रीतिकाल के प्रमुख आचार्य कवियों के नाम हैं -
- केशवदास
- कुलपति मिश्र,
- देव तथा
- ग्वाल कवि।
प्रश्न - रीतिकाल में वीर रस की कविता किस कवि ने लिखी हैं?
- उत्तर - रीति काल में वीर रस की कविता भूषण कवि ने लिखी हैं।
प्रश्न - रीतिमुक्त काव्य किसे कहते हैं?
- उत्तर - रीति परंपरा पर आधारित रूढ़ियों एवं साहित्यिक बंधनों से मुक्त काव्य को रीतिमुक्त काव्य कहा गया है।
प्रश्न - रीतिमुक्त काव्यधारा की मुख्य विशेषताएं लिखिए।
- उत्तर - रीतिमुक्त काव्यधारा की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं -
- रीतिमुक्त काव्य शास्त्रीय मान्यताओं एवं रूढिय़ों के बन्धन से मुक्त है।
- इस काव्य में कल्पना तत्व की प्रधानता है।
- इसमें लाक्षणिकता एवं व्यंजकता अधिक है।
- अनुभूति एवं आवेग को विशेष महत्व दिया गया है।
प्रश्न - रीतिमुक्त काव्य धारा के प्रसिद्ध कवियों के नाम लिखिए?
- उत्तर - रीतिमुक्त काव्य धारा के प्रसिद्ध कवियों के नाम है -
- घनानंद,
- बोधा तथा
- आलम।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर -
- रीति कालीन रचनाओं का प्रधान रस है -
(1) अद्भुत रस (2) वीर रस (3) शांत रस (4) श्रृंगार रस
उत्तर - श्रृंगार रस
- रीतिकालीन काव्य के प्रधान विशेषताएं है -
(1) सौंदर्य वर्णन (2) प्रकृति वर्णन (3) चमत्कार प्रदशर्न (4) प्रेम निरूपण।
उत्तर - चमत्कार प्रदर्शन
- निम्नलिखित में रीतिकालीन कवि नहीं है -
(1) बिहारी (2) सेनापति (3) रत्नाकर (4) घनानंद
उत्तर - रत्नाकर
- निम्नलिखित में रीति कालीन रचना नहीं है -
(1) रसिक - प्रिया (2) बिहारी - सतसई (3) शिवराज -भूषण (4) प्रेम सरोवर।
उत्तर - प्रेम - सरोवर
- रीतिमुक्त कवि हैं -
(1) बिहारीलाल (2) केशवदास (3) धनानंद (4) सेनापति ।
उत्तर - घनानन्द
- रीति कालीन आचार्य कवि हैं -
(1) सेनापति (2) घनानंद (3) बिहारीलाल (4) केशवदास ।
उत्तर - केशवदास