मुहावरे का प्रयोग भाग - 1

  • अपना उल्लू सीधा करना — स्वार्थ साधना। 
प्रयोग — आजकल अधिकांश राजनेता गद्दी मिलते ही अपना उल्लू सीधा करने लगते है। 
  • अपने पॉव पर कुल्हाड़ी मारन — स्वयं अपनी हानि करना। 
प्रयोग — दुष्ट से झगड़ा मोल लेकर मैंने अपने पॉव पर आप कुल्हाड़ी मार ली। 
  • घड़ो पानी पड़ना — लज्जित होना। 
प्रयोग — कृष्ण को माखन चुराते मॉ ने देखा तो कृष्ण पर घड़ो पानी गिरा। 
  • अपनु मुॅह मियॉ मिट्टू बनना — अपनी प्रशंसा स्वयं करना। 
प्रयोग — आजकल के स्वार्थी मित्र अपने मुॅह मियॉ मिट्टू बनने में तनिक भी संकोच नहीं करते है।
  • आस्तीन का सॉप होना — विश्वासघाती होना। 
प्रयोग — मेरा एक मित्र ही मेरे लिए आस्तीन का सॉप सिद्ध हुआ। 
  • दिन — रात एक करना — ​बहुत मेहनत करना। 
प्रयोग — प्रावीण्य सूची में आने के लिए उसने दिन—रात एक कर दिए। 
  • अक्ल का दुश्मन — मूर्ख होना। 
प्रयोग — अक्ल के दुश्मन विद्यार्थी अध्ययन के बजाय नकल पर अधिक भरोसा करते है। 
  • दूध का दूध और पानी का पानी कर देना — सच्चा न्याय देना। 
प्रयोग — न्यायालय निष्पक्ष कार्रवाई से दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं।
  • आॅखों का तारा होना — बहुत प्यारा होना। 
प्रयोग — श्रवण कुमार अपने माता—पिता की आॅखों के तारे थे।
  • नौ दो ग्यारह होना — भाग जाना । 
प्रयोग — चोर पुलिस को देखकर नौ दो ग्यारह हो गए। 
  • आग बबूला होना — क्रोधित होना। 
प्रयोग — अपने बेटे को चोरी करते देख मॉ आग बबूला हो उठी। 
  • घाट—घाट का पानी पीना — अधिक अनुभवी होना। 
प्रयोग — तुम उसकी बात मत करो, वह घाट—घाट का पानी पीए हुए है। 
  • उड़ती चिड़िया पहचानना — भॉप जाना। 
प्रयोग — माता—पिता उड़ती चिड़िया पहचानते हैं। वे जानते हैं कि उनके बच्चे क्या करने जा रहे हैं।
  • छक्के छुड़ाना — हरा देना। 
प्रयोग — सुभाषचन्द्र बोस ने अंग्रेजों के छक्के छुडा दिए। 
  • चकमा देना — बेवकूफ बनाना। 
प्रयोग — चोरों ने पुलिस को चकमा दिया। 
  • खून—पसीना एक करना — अत्यधिक मेहनत करना। 
प्रयोग — खून—पसीना एक करके किसान खेतों में अन्न उगाता है। 
  • फूूला न समाना — अति प्रसन्न होना। 
प्रयोग — परीक्षा में प्रथम श्रेणी आने पर विजय फूला न समाया। 
  • लोहा लेना — मुकाबला करना। 
प्रयोग — महाराणा प्रताप अकबर से जमकर लोहा लिया। 
  • लकीर का फकीर होना — अपनी बात पर अड़े रहना। 
प्रयोग — पुराने जमाने के लोग लकीर के फकीर होते थे। 
  • गड़े मुर्दे उखाडना — पुरानी बाते खोलना। 
प्रयोग — गड़े मुर्दे उखाड़ना गंदी आदत है। इससे बचना चाहिए। 
  • राई का पहाड़ करना — बड़ा—चढाकर बयान करना। 
प्रयोग — कुछ लोगों में यह प्रवृत्ति होती है कि वे राई का पहाड़ बना लेते है। 
  • आॅख लगना — नींद आना।
प्रयोग — रात को अधिक देर तक पढ़ते—पढ़ते मेरी आॅख लग गई। 
  • आॅखो का कॉटा होना — दुश्मन होना। 
प्रयोग — श्रीकृष्ण कंस की आंखो के कॉटा बन गए थे। 
  • पानी—पानी होना — शर्मिदा होना। 
प्रयोग — चोरी पकड़ी जाने पर रमेश पानी—पानी हो गया। 
  • गागर में सागर — थोड़े मे बहुत कुछ कह देना। 
प्रयेाग — बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है। 
  • भाग्य फूटना — दुर्भाग्य होना। 
प्रयोग — राधा का भाग्य ही फूटा था कि वह शादी के बाद विधवा हो गई। 
  • बाजी मार लेना — काम बना लेना। 
प्रयोग — चतुर लोग चतुराई से बाजी मार लेते हैं। 
  • हाथों के तोते उड़ जाना — मिट्टी—पिट्टी गुम हो जाना। 
प्रयोग — पुलिस को देखकर चोर के हाथों के तोते उड़ गए। 
  • रंग मे भंग होना — विध्न होना। 
प्रयोग — दहेज की मॉग से रमा की शादी में रंग में भंग पड़ गया। 
  • बाल की खाल निकालना — मीनमेख निकालना। 
प्रयोग — कुछ लोग हमेशा बाल की खाल निकालते रहते है। 
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