- अपना उल्लू सीधा करना — स्वार्थ साधना।
प्रयोग — आजकल अधिकांश राजनेता गद्दी मिलते ही अपना उल्लू सीधा करने लगते है।
- अपने पॉव पर कुल्हाड़ी मारन — स्वयं अपनी हानि करना।
प्रयोग — दुष्ट से झगड़ा मोल लेकर मैंने अपने पॉव पर आप कुल्हाड़ी मार ली।
- घड़ो पानी पड़ना — लज्जित होना।
प्रयोग — कृष्ण को माखन चुराते मॉ ने देखा तो कृष्ण पर घड़ो पानी गिरा।
- अपनु मुॅह मियॉ मिट्टू बनना — अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
प्रयोग — आजकल के स्वार्थी मित्र अपने मुॅह मियॉ मिट्टू बनने में तनिक भी संकोच नहीं करते है।
- आस्तीन का सॉप होना — विश्वासघाती होना।
प्रयोग — मेरा एक मित्र ही मेरे लिए आस्तीन का सॉप सिद्ध हुआ।
- दिन — रात एक करना — बहुत मेहनत करना।
प्रयोग — प्रावीण्य सूची में आने के लिए उसने दिन—रात एक कर दिए।
- अक्ल का दुश्मन — मूर्ख होना।
प्रयोग — अक्ल के दुश्मन विद्यार्थी अध्ययन के बजाय नकल पर अधिक भरोसा करते है।
- दूध का दूध और पानी का पानी कर देना — सच्चा न्याय देना।
प्रयोग — न्यायालय निष्पक्ष कार्रवाई से दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं।
- आॅखों का तारा होना — बहुत प्यारा होना।
प्रयोग — श्रवण कुमार अपने माता—पिता की आॅखों के तारे थे।
- नौ दो ग्यारह होना — भाग जाना ।
प्रयोग — चोर पुलिस को देखकर नौ दो ग्यारह हो गए।
- आग बबूला होना — क्रोधित होना।
प्रयोग — अपने बेटे को चोरी करते देख मॉ आग बबूला हो उठी।
- घाट—घाट का पानी पीना — अधिक अनुभवी होना।
प्रयोग — तुम उसकी बात मत करो, वह घाट—घाट का पानी पीए हुए है।
- उड़ती चिड़िया पहचानना — भॉप जाना।
प्रयोग — माता—पिता उड़ती चिड़िया पहचानते हैं। वे जानते हैं कि उनके बच्चे क्या करने जा रहे हैं।
- छक्के छुड़ाना — हरा देना।
प्रयोग — सुभाषचन्द्र बोस ने अंग्रेजों के छक्के छुडा दिए।
- चकमा देना — बेवकूफ बनाना।
प्रयोग — चोरों ने पुलिस को चकमा दिया।
- खून—पसीना एक करना — अत्यधिक मेहनत करना।
प्रयोग — खून—पसीना एक करके किसान खेतों में अन्न उगाता है।
- फूूला न समाना — अति प्रसन्न होना।
प्रयोग — परीक्षा में प्रथम श्रेणी आने पर विजय फूला न समाया।
- लोहा लेना — मुकाबला करना।
प्रयोग — महाराणा प्रताप अकबर से जमकर लोहा लिया।
- लकीर का फकीर होना — अपनी बात पर अड़े रहना।
प्रयोग — पुराने जमाने के लोग लकीर के फकीर होते थे।
- गड़े मुर्दे उखाडना — पुरानी बाते खोलना।
प्रयोग — गड़े मुर्दे उखाड़ना गंदी आदत है। इससे बचना चाहिए।
- राई का पहाड़ करना — बड़ा—चढाकर बयान करना।
प्रयोग — कुछ लोगों में यह प्रवृत्ति होती है कि वे राई का पहाड़ बना लेते है।
प्रयोग — रात को अधिक देर तक पढ़ते—पढ़ते मेरी आॅख लग गई।
- आॅखो का कॉटा होना — दुश्मन होना।
प्रयोग — श्रीकृष्ण कंस की आंखो के कॉटा बन गए थे।
- पानी—पानी होना — शर्मिदा होना।
प्रयोग — चोरी पकड़ी जाने पर रमेश पानी—पानी हो गया।
- गागर में सागर — थोड़े मे बहुत कुछ कह देना।
प्रयेाग — बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।
- भाग्य फूटना — दुर्भाग्य होना।
प्रयोग — राधा का भाग्य ही फूटा था कि वह शादी के बाद विधवा हो गई।
- बाजी मार लेना — काम बना लेना।
प्रयोग — चतुर लोग चतुराई से बाजी मार लेते हैं।
- हाथों के तोते उड़ जाना — मिट्टी—पिट्टी गुम हो जाना।
प्रयोग — पुलिस को देखकर चोर के हाथों के तोते उड़ गए।
- रंग मे भंग होना — विध्न होना।
प्रयोग — दहेज की मॉग से रमा की शादी में रंग में भंग पड़ गया।
- बाल की खाल निकालना — मीनमेख निकालना।
प्रयोग — कुछ लोग हमेशा बाल की खाल निकालते रहते है।