भारत की बढ़ती जनसंख्या

रूपरेखा — 

  1. प्रस्तावना, 
  2. जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याएॅ, 
  3. अभाव की स्थिति, 
  4. जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव, 
  5. जनसंख्या वृद्धि की समस्या का समाधान, 
  6. उपसंहार

प्रस्तावना — विश्व के विभिन्न देख अपनी — अपनी समस्याओं से ग्रसित है। उसी तरह भारतीय गणराज्य भी सबसे अधिक समस्याओं से घिरा हुआ राष्ट्र है। जिनमें सर्वोपरि है — भारत की बढ़ती जनसंख्या। बढ़ती हुई जनसंख्या के सााि ही अन्य अनेक समसयाएॅ स्वत: ही उत्पनन होती रहती हें जिससे देश की तरक्की के विषय में जारी की गई योजनाएॅ प्रभावित हो जाती है। भारत में जनसंख्या की वृद्धि एक गम्भीर समस्या है, लेकिन इसे लेकर यहॉ के नागरिक उसके प्रति बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। 

जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याएॅ जनसंख्या वृद्धि एक ऐसी समस्या है, जो अन्य अनेक समस्याओं को जन्म देती है। उन समस्याओं में सबसे बड़ी समस्या है — बढते लोगों को रोटभ् देने की, उनके लिए वस्त्र आदि की व्यवस्था करने की तथा उन्हें आवास प्रदान करने की। इनकी समस्याअेां के साथ ही उनकी उचित शिक्षा देने, उन्हें रोजगार देने, उन लोगों की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के सुलझाने की स्वच्छ पानी देने, स्वच्छ वातावरण प्रदान करने सम्बन्धी विभिन्न समस्याएॅ पैदा हो जाती है। 

अभाव की स्थिति देश ने आजादी प्राप्त की। इसके साथ ही विकास योजनाएॅ प्रारम्भ हुई। कृषि, उघोग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विकास की दिशा पकड़ी गई। लगभग सभी क्षेत्रों में विकास तीव्र गति से बढ़ने लगा। खेतो, कारखानों में उत्पादन शुरू हुआ। नई तकनीक अपनाई गई। कृषि आधारित उद्योग पनपने लगे। विकास तो अपनी तीव्र गति से होने लगा परन्तु बढ़ती जनसंख्या ने उसकी गति को बहुत ही प्रभावित कर दिया। विकास के कार्यो के लिए राष्ट्र हित में कर्ज लिया जाने लगा। देश जिस गति से आगे बढ़ता, उतनी गति विकास के क्षेत्र में नहीं पकड़ सका। इस जनसंख्या वृद्धि ने सभी क्षेत्र के विकास सम्बन्धी कार्यो को ठप्प कर दिया। 

जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव जनसंख्या की बढ़ोत्तरी ने अपना प्रभाव सभी क्षेत्रों में दिखाया। शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित हुआ, यातायात व्यवस्था — रेल परिवहन, सड़क परिवहन, आदि का विकास रूक गया। भेाजन, पानी, आवास, व वस्त्र आदि की समस्या से ग्रसित भारतीय समाज फिर से अभावग्रस्त होने लगा। परन्तु भारतीय सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, कल — कारखानों और व्यवसाय के क्षेत्र में तीव्र विकास करना शुरू किया। बढ़ती जनसंख्या को रोजगार देने की दिशा में प्रभावकारी कदम उठाया। परन्तु इन सभी समस्याओं के समाधान के साथ — ही — साथ अन्य अनेक समस्याओं, जैसे — भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य, समस्याओं और प्रदूषण सम्बन्धी समस्याओं ने देश को बुरी तरह जकड़ा हुआ है। साथ ही बेरोजगार लोगों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ जाती है। उस दिशा में तो विकास दर गिरती लग रही है। इस तरह इस जनसंख्या वृद्धि की समस्या ने अनेक ऐसी समस्याओं को जन्म ​दे दिया है जिनका समाधान शायद निकट भविष्य में होता दिखाई नही पड़ता।

जनसंख्या वृद्धि की समस्या का समाधान — राष्ट्रीय समस्या बनी जनसंख्या वृद्धि एक विकराल रूप धारण करती जा रही है। इसके हल के लिए किए गए उपाय भी कम और प्रभावहीन होते नजर आ रहे है। लोगों में इस समस्या के निराकरण के लिए जागृति की जा रहा है। उन्हे बताया जा रहा है कि जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण करे। नियोजित परिवार ही सुखी हो सकता हे। तरक्की कर सकता है। समृद्धि प्राप्त कर सकता है। सरकार की ओर से और व्यक्तिगत रूप से विविध संस्थानों द्वारा लोागों को इस समस्या के समाधान के उपाय बताए गए है। लोगों को उत्साहित किया जा रहा है कि वे शिक्षित बनें, अपनी सन्तान को, बालिकाओं और बालकों को शिक्षा ग्रहण करायें जिससे वे राष्ट्र हित की सोच सकें तथा स्वयं को राष्ट्र कल्याण के मार्ग से जोड़कर कार्य करें।

उपसंहार — देशवासियों को राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए निरन्तर कार्य करना चाहिए। उन्हें जन—जागृति पैदा करके अपने कत्र्तव्य का और उत्तरदायित्व का पालन करना चाहिए। 

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