लेखक के इस स्मृति पटल पर अंकित किसी विशेष व्यक्ति के जीवन की कुछ घटनाओं का रोचक विवरण संस्मरण कहलाता है। इसमें लेखक स्वयं देखी या अनुभव की गई घटनाओं का वर्णन करता है। इसमें कल्पना की उड़ान की गुंजाइश कम रहती है। संस्मरण निकटता से देखे गए व्यक्ति से संबंधित होता है। अतः इसका विवरण सर्वथा प्रमाणिक होता है। किंतु प्रस्तुतीकरण में लेखक स्वतंत्र रहता है। महादेवी वर्मा, राहुल सांकृत्यायन, पंडित जवाहरलाल नेहरू आदि के संस्मरण उत्तम माने गए हैं।
संस्मरण की परिभाषा -
'संस्मरण' से तात्पर्य लेखक के स्मृति - पटल पर अंकित व्यक्ति या वस्तु विशेष से जीवन या घटनाओं के रोचक वर्णन से है, जिसमें लेखक उनके प्रति अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करता है। अथवा
लेखक के स्मृति पटल पर अंकित स्वयं के या व्यक्ति - विशेष के जीवन की घटनाओं के रोचक विवरण को संस्मरण कहते हैं। जैसे - महादेवी वर्मा कृत मेरा परिवार, चीनी फेरीवाला आदि।
संस्मरण की विशेषताएँँ -
1. स्मृति पर आधारित विषय - वस्तु का चित्रण,
2. यथार्थ चित्रण
3 संवेदनशीलता
4. गहन अभिव्यक्ति तथा
पांच व्यक्ति अथवा वस्तु की विशिष्टता को लक्षित करना। संस्मरण तथा जीवनी में अंतर
संस्मरण में स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति या घटना का रोचक वर्णन होता है। जबकि जीवनी में किसी व्यक्ति के जीवन का आघोपान्त विवरण और वर्णन होता है।