जीवनी
प्रश्न - जीवनी किसे कहते हैं?
- उत्तर - किसी व्यक्ति के जीवन का लिखित वृत्तान्त 'जीवनी' कहलाता है। इसमें व्यक्ति के जीवन के कार्यों का लेखा-जोखा रहता है। यह व्यक्ति के जीवन का इतिहास होता है। लेखक चरित्रनायक के जीवन की सत्य घटनाओं को रोचक और कलात्मक ढंग से अपनी कल्पनाशक्ति का सहारा लेकर जीवनी के रूप में संजोता होता है। संक्षेप में, किसी व्यक्ति -विशेष के जीवन की, जन्म से मृत्यु तक की घटनाओं के क्रमबद्ध विवरण को 'जीवनी' कहा जाता है।
प्रश्न - जीवनी की परिभाषा दीजिए।
- उत्तर - 'जीवनी' से तात्पर्य किसी व्यक्ति के जीवन वृतान्त से होता है, जो किसी अन्य व्यक्ति द्वारा लिखी गई हो। जीवनी में लेखक अपने चरित्र नायक के जीवन वृत्तान्त का वर्णन रोचक ढंग से करता है।
प्रश्न - प्रमुख जीवनी - लेखकों के नाम लिखिए।
- उत्तर - प्रमुख जीवनी - लेखक रामनाथ सुमन, बनारसीदास चतुर्वेदी, विष्णु प्रभाकर, अमृतराय, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, राहुल संस्कृत्यायन, रामविलास शर्मा, मन्मथनाथ गुप्त, डॉ. हरिवंश राय बच्चन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँँधी, आचार्य चतुरसेन शास्त्री आदि हैं।
प्रश्न - किन्हीं दो महत्वपूर्ण जीवनीयों और उनके लेखकों के नाम लिखिए।
- उत्तर - दो प्रमुख जीवनी - लेखक हैं - (1) अमृतराय, रचना है - 'कलम का सिपाही', (2) काका कालेलकर, रचना है - 'जीवन लीला'।
प्रश्न - द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध जीवनी - लेखकों के नाम लिखिए।
- उत्तर - दो प्रसिद्ध जीवनी-लेखक - (1) डॉ. सम्पूर्णानन्द तथा (2) लक्ष्मीधर बाजपेयी।
प्रश्न - छायावादोत्तर युग के दो प्रसिद्ध जीवनी - लेखकों के नाम लिखिए।
- उत्तर - छायावादोत्तर युग के दो प्रसिद्ध जीवनी - लेखकों के नाम इस प्रकार हैं (1) जैनेंद्र कुमार तथा (2) काका कालेलकर।
प्रश्न - किन्हीं दो महत्वपूर्ण जीवनीयों और उनके लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर - जीवनी लेखक
- आवारा मसीहा - विष्णु प्रभाकर
- कलम का सिपाही - अमृता राय
प्रश्न - जीवनी और आत्मकथा में अंतर बताइए।
- उत्तर - जीवनी और आत्मकथा में निम्नानुसार अंतर होता है -
- जीवनी का लेखक कोई अन्य व्यक्ति होता है, जबकि आत्मकथा का लेखक व्यक्ति स्वयं होता है।
- जीवनी - लेखन में कल्पना का आश्रय लेना आवश्यक है, किंतु आत्मकथा - लेखन में सत्य घटनाओं का चित्रण रहता है।
- जीवनी में लेखक नायक के व्यक्तित्व को उभारने का प्रयास करता है, परन्तु आत्मकथा में लेखक अपनी दृष्टि से अपने जीवन का वर्णन व उसकी व्याख्या करता है।
आत्मकथा
प्रश्न - आत्मकथा किसे कहते हैं?
- उत्तर - 'आत्मकथा' से तात्पर्य किसी व्यक्ति के स्वरचित जीवन वृत्तान्त से होता है। आत्मकथा व्यक्ति द्वारा किया गया आत्म - परीक्षण है। आत्मकथा के लिए यह आवश्यक होता है कि अपने जीवन की घटनाओं को तटस्थता के साथ प्रस्तुत किया जाए। संक्षेप में, अपनी जीवन गाथा अपने द्वारा लिखी जाकर आत्मकथा कहलाती है।
प्रश्न - आत्मकथा की परिभाषा लिखिए।
- उत्तर - जिस गद्म - साहित्य में लेखक अपने जीवन की स्मरणीय घटनाओं का क्रमबद्ध वर्णन एवं विश्लेषण करता है, उस गद्य- साहित्य को ,आत्मकथा, कहते हैं।
प्रश्न - 'आत्मकथा' की मुख्य विशेषताएँँ बताइए।
- उत्तर - स्वयं अपने जीवन की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन घटनाओं पर आधारित तथ्यों का विश्लेषणात्मक आत्मनिरीक्षण करना 'आत्मकथा' की प्रमुख विशेषता है।
प्रश्न - हिन्दी के प्रमुख आत्मकथा लेखकों के नाम बताइए।
- उत्तर - हिन्दी के प्रमुख आत्मकथा - लेखक बाबू श्यामसुंदर दास, वियोगी हरि, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, यशपाल, वृंदावनलाल वर्मा, सुमित्रानंदन पंत तथा हरिवंशराय बच्चन आदि हैं।
प्रश्न - जीवनी एवं आत्मकथा के एक-एक लेखक और उनकी एक - एक पुस्तक का नाम लिखिए।
- उत्तर - (1) जीवनी लेखक - विष्णु प्रभाकर, पुस्तक का नाम - आवारा मसीहा। (2) आत्मकथा लेखक - यशपाल, रचना का नाम - सिंहावलोकन।
प्रश्न - हिन्दी की चार प्रसिद्ध आत्मकथाओं के नाम लिखिए।
- उत्तर - हिन्दी की चार प्रमुख आत्मकथाएँँ हैं - (1) अपनी खबर (पाण्डेय बेचन शर्मा 'उग्र') (2) मेरा जीवन प्रवाह (वियोगी हरि), (3) मेरी आत्मकथा (डॉ. राजेंद्र प्रसाद), (4) क्या भूलूँँ क्या याद करूँँ (हरिवंश राय 'बच्चन')।