पाठ — 2
वात्सल्य — भाव
अति लघुउत्तरीय प्रश्न —
- कवितावली — तुलसीदास
- सोए हुए बच्चे से — हरिनारायण व्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर —
- सखी प्रात: काल किसके द्वार पर जाती है?
उत्तर — सखी प्रात: काल अवधेश दशरथजी के द्वार पर जाती है।
- बालक राम किस वस्तु को मॉगने का हठ करते है?
उत्तर — बालक राम चंद्रमा (चंद्र खिलौना) की मॉग करते हैं।
- बच्चे की आॅखों की तुलना किससे की गई है?
उत्तर — बच्चे की आॅखों की तुलना तितली के पंखो से की गई है।
- तुलसीदासजी के मनमंदिर में सदैव कौन विहार करता रहता है?
उत्तर — तुलसीदासजी के मनमंदिर में भगवान राम की छवि बिहार करती रहती है।
- ईश्वर ने रोगों को दूर करने के लिये मनुष्य को क्या दिया?
उत्तर — ईश्वर ने रोगों को दूर करने के लिये जड़ी—बूटि एवं औषधियॉ दी है।लघुउत्तरीय प्रश्न —
- सखी ठगी—सी क्यों रह गई?
उत्तर — सखी भगवान राम की बाल छवि को देखकर दंग रह जाती है। राजा अपनी गोद में उन्हे जब खिलाते है, तो उनकी छवि को देखकर सखी ठगी—सी रह जाती है।
- माताएॅ राम की कौन—सी चेष्टाओं से प्रसन्न होती है?
उत्तर — माताएॅ बालक राम की बाल सुलभ चेष्टाओं को देखकर प्रसन्न होती है। कभी बालक राम चन्द्र खिलोना की मॉग करते है, तो कभी स्वंय का ही प्रतिबिम्ब निहार कर डरने लगते है। कभी ताली बजाकर नाचने लगते है, तो कभी बाल हठ करने लगते है।
- बाल राम का मुख सौन्दर्य कैसा है?
उत्तर — बाल राम का मुख सौन्दर्य अनुपम है। उनका मुख कमल के समान है। घुॅघराले बाल है, दॉत बिजली के समान चमकदार है। उनके गले में मोतियों की माला है। गालो पे लटे लटक रही है। कानों में सुन्दर कुंडल सुशाोभित है। उनके होठ नवीन पत्तोे के समान कोमल है।
- बच्चे के रेशमी बालो को कवि अपनी हथेलियों से क्यो स्पर्श करना नही चाहता?
उत्तर — कवि बच्चे के रेशमी बालों को बिवाई वाली पथरीली हथेलियों से स्पर्श नही करना चाहता है, क्योकि उसे डर है कि फटी हुई चमड़ी में उलझकर कोई बाल, कोई रंगीन मनसूबा, कोई कामयाब भविष्य टूट ना जाये। अर्थात् वह अपनी दुर्दशा, दुरावस्था को उसके स्वर्णिम, भविष्य के मार्ग में बाधा नही बनने देना चाहता है।दीर्घउत्तरीय प्रश्न —
- तुलसीदास ने बालक राम के किस स्वभाव का चित्रण किया है?
उत्तर — तुलसीदास जी कहते है कि भगवान राम बाल्यावस्था में कभी हठ करके चन्द्रमा मॉगते है, तो कभी स्वंय का ही प्रतिबिम्ब निहार कर डर जाते है। कभी ताली बजाकर, नाच कर, सभी माताओं का मन मोह लेते है। तो कभी रिसियाकर हठ करने लगते है। उनका स्वभाव बहुत हठी व साथ—साथ मृदुल है। वे अपनी सुन्दर मोहक बाल चेष्ठाओं से सभी का मन मोह लेते है। उनके स्वभाव में बाल हठ की सर्वाधिक झलक दिखाई देती है।
- ''तुलसी ने बाल हठ का स्वाभाविक चित्रण किया है''। इस उक्ती को पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।
उत्तर — तुलसी दास ने बाल हठ का स्वभाविक चित्रण किया है। भगवान राम बाल हठ करते हुये चन्द्र खिलौने की मॉग करते है। मॉ मुझे वह चन्द्र खिलौना ही दीजिए जो आकाश में दिखाई दे रहा है। मैं उससी से खेलूगॉ। उनकी इस हठ से माताएॅ भी सोच में पड़ जाती है। कि कैसे उनके इस हठ को पूरा करे? तुलसीदास जी ने उनके बाल हठ का सजीव वर्णन किया है।
- हरिनारायण व्यास ने अपने 'ख्यालो' की किन कमियो की ओर संकेत किया है?
उत्तर — कवि ने इस कविता में अपने ख्यालो की कमियों का जिक्र किया है कि मेरे ख्याल इतने खूबसूरत नहीं है। कि वे किसी के स्पनों का आधार बने। मेरे ख्याल दुनियादारी की लपटो से झुलस गये है। बार—बार मिली असफलता से ये लहुलुहान है। मेरे ख्यालों में ऊर्जा का संचार नही है। ये किसी को प्रेरणा नहीं दे सकते हैं। मै संसार में निरंतर जुझते रहने से हताश हो गया हॅू, इसलिए मेरे विचार भी नकारात्मक हो गये है। उनमें हताशा आ गई है।
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक—एक शब्द में दीजिए —
- अवधेश का नाम क्या था?
उत्तर — दशरथ
- कवितावली में किस बालक की लीलाओं का वर्णन है?
उत्तर — राम
- कौन कवि शिशु की सुन्दरता पर अपने संघर्षो की छाया नही डालना चाहता है?
उत्तर — श्री हरिनारायण व्यास।
- 'तुम इसी तरह मुस्कुराते सोये रहो' पंक्ति में किसको सम्बोधित किया गया है?
उत्तर — बाल को
- बालक राम किस वस्तु को मॉगने का हठ करते हैै?
उत्तर — चन्द्रमा1. अवधेश के बालक चारी सदा, तुलसी .................में बिहरै।
- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
उत्तर — मन मंदिर।2. कवितावली में बालक ................की बाल लीलाओं का वर्णन है।
उत्तर — राम3. ...................भक्ति काल केे प्रतिनिधि कवि है।उत्तर — तुलसीदास4. विनय पत्रिका के रचयेता..................है।उत्तर — तुलसीदास5. तुलसीदास जी ...............के कवि है।उत्तर — राम भक्ति् साखा