पाठ — 1 भक्ति—धारा


  1. विनय के पद (सूरदास)
  2. स्तुति — खण्ड (मलिक मुहम्मद जायसी)

भक्ति धारा (विनय के पद)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न - 

  • पद में मीठे फल का आनंद लेने वाला कौन है?

उत्तर - पद में गूॅगा व्यक्ति मीठे फल का आनंद लेने वाला है।
  • अवगुणों पर ध्यान न देने के लिए सूरदास ने किससे प्रार्थना की है?
उत्तर - अवगुणों पर ध्यान न देने के लिए सूरदास ने प्रभु श्रीकृष्ण से प्रार्थना की है।
  • पारस में कौन सा गुण पाया जाता है?
उत्तर - पारस, लोहे को सोना बना देता है। 
  • जायसी के अनुसार संसार की सृष्टि किसने की है?
उत्तर - जायसी के अनुसार संसार की सृष्टि ईष्वर ने की है। 
  • ईश्वर ने रोगों को दूर करने के लिए मनुष्य को क्या दिया?
उत्तर - ईष्वर ने रोगों को दूर करने के लिए मनुष्य को स्वस्थ शरीर व औषधियाॅ दी है।
  • ‘स्तुति खण्ड‘ में जायसी ने कितने द्वीपों और भुवनों की चर्चा की है?
उत्तर -सात द्वीपों तथा चैदह भुवनों की चर्चा की है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न - 

  • सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा सगुण को श्रेयस्कर क्यों माना है?
उत्तर - सूरदास ने निर्गुण की अपेक्षा सगुण को श्रेयस्कर माना है, क्योंकि सगुण ब्रम्ह्य साकार, रूपरंग युक्त होता है। उसे हम देखसुन सकते है, जबकि निर्गुण निराकार ब्रम्ह्य रूपरंग रहित है। उसका कोई स्वरूप नहीं है, अतः उसकी उपासना अधिक कठिन है। 
  • गूॅगा व्यक्ति फल के स्वाद का अनुभव अनुभूति के द्वारा करता है। अंदर ही अंद रवह सुख अनुभव करता है, किन्तु बोलकर अभिव्यक्त नही कर पाता है। 
उत्तर - गूॅगा व्यक्ति फल के स्वाद का अनुभव अनुभूति के द्वारा करता है। अंदर ही अंदर वह सुख अनुभव करता है, किन्तु बोलकर अभिव्यक्त नहीं कर पाता है। 
  • कुब्जा कौन थी? उसका उद्धार कैसे हुआ?
उत्तर - कुब्जा अत्यन्त कुरूप स्त्री थी। भगवान के शरण में जाने से उसका उद्धार हुआ। 
  • सूरदास ने स्वयं को ‘कुटिल खल कामी‘ क्यों कहा है?
उत्तर - सूरदास ने स्वयं को कुटिल खल-कामी इसलिए कहा है, क्योकि उनका मन विषयवासना में लिप्त हो गया है, मन में छलकपट भर गया है, राक्षसी प्रवृत्ति आ गई है।
  • जायसी ने किसका स्मरण करते हुए कथा लिखी है?
उत्तर - जायसी ने सम्पूर्ण सृष्टि के रचयिता ईष्वर का स्मरण करते हुए यह कथा लिखी है। उनका मानना है कि ईष्वर ने ही सम्पूर्ण प्रकृति की रचना की है। पशु - पक्षी, मानव - मानवीय भाव, मानवीय उद्वेग, धरती-आकाष सभी उस ब्रहास्वरूप् की देन हैं। कवि उसी का स्मरण करते हुए स्तुतिखण्ड की रचना करते हैं।
  • जायसी के अनुसार, परमात्मा ने किस-किस तरह के मनुष्य बनाए हैं?
उत्तर - जायसी के अनुसार, परमात्मा ने राज-रंक, भिखारी-अमीर, ठाकुर-दास, बीर-डरपोक, सुखी-दुःखी विभिन्न प्रकार के मनुष्य बनाए हैं। कोई राजा है, जिसके पास राजविलास है, तो कोई रंक है, जिसके पास खाने के लिए भोजन भी नहीं है। कोई बहुत सुखी है, तो कोई अत्यन्न दुःखी। सभी ईष्वर की देन है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न - 

  • सूरदास ने किस आधार पर ईष्वर को समदर्षी कहा है?
उत्तर - सूरदास ने ईष्वर को समदर्षी कहा है, क्योंकि वह गुणी, अवगुणी, दुर्जन-सज्जन, धर्मी-अधर्मी सभी को समान रूप से देखता है। बिना भेदभाव किए सभी का उद्धार करता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार पारस लोहे को, चाहे वह पूजाघर में रखा जाए या बधिक के घर। पारस उसे सोना बना देता है। जिस तरहे नदी, नाला दोनों के मिल जाने से पवित्र नदी बन जाती है, ठीक उसी प्रकार ईष्वर गुणी, अवगुणी दोनों में भेद किए बिना दोनों का उद्धार कर देते हैं।
  • निर्गुण व सगुण भक्ति में क्या अन्तर है?
उत्तर - निर्गुण ब्रह्य निराकार, अगम, अगोचर होता है। उसे न देखा जा सकता है, न अनुभव किया जा सकता है। वह रूपरंग रहित होता है, अतः उसकी स्तुति कठिन है। इसके विपरीत, सगुण ब्रह्य रूपरंग, गुण युक्त होत है, उसे देखा जा सकता है। वह साकार है, उसे अनुभव किया जा सकता है। वह अगम - अगोचर नहीं है, उसकी उपासना आसान है।
  • ईश्वर ने प्रकृति का निर्माण कितने रूपों में किया है? वर्णन कीजिए। 
उत्तर - ईष्वर न प्रकृति का निर्माण अनेक रूपों में किया है। उसी ने धरती, स्वर्ग, आकाष-पाताल आदि बनाए हैं। सात-द्वीप, ब्रह्याण्ड, चैदह, भवन दिन-रात, सूर्य-चंद्रमा, धूप-छाॅव, बादल-बिजली सभी उसी की देन हैं। नदी, नाले, पशु, जीव, वन, जड़ी- बूटी सभी उसी ने बनाए हैं। मानव को, मानवीय भावनाओं, मानवीय उद्वेगों को जन्म उसी ने दिया है। सम्पूर्ण प्रकृति उसी की देन है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर  - 

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए - 
(अ) सब विधि अगम बिचारहिंतातैं, सूर .............................पद गावै।        उत्तर - सगुन
(ब) जायसी निर्गुण धारा के ..........................कवि हैं।                              उत्तर - प्रेममार्गी
(स) सूरदास ने सख्य भाव से ...........................की आराधना की है।        उत्तर - श्रीकृष्ण
(द) जायसी ने .................................. महाकाव्य की रचना की।             उत्तर - पद्मावत, 
(य) सूरदास के पदों का संकलन ..................................है।                    उत्तर - सूर-सागर

2. सही विकल्प चुनकर उत्तर दीजिए - 

1. सूरदास किसके भक्त थे?
(अ) राम (ब) कृष्ण (स) सरस्वती (द) वल्लाभाचार्य
उत्तर - कृष्ण
2. जायसी का प्रसिद्ध महाकाव्य है - 
(अ) रामचरित-मानस (ब) पद्मावत (स) सूरसागर (द) अखरावट 
उत्तर - पद्मावत
3. सूर के पदों की भाषा है - 
(अ) अवधी (ब) ब्रज (स) हिन्दी (द) बुन्देलखंडी
उत्तर - ब्रज
4. कुब्जा एक ...................... थी - 
(अ) रानी (ब) दासी (स) पुजारिन (द) कवयित्री
उत्तर - दासी
5. वात्सल्य रस के सम्राट् है - 
(अ) तुलसीदास  (ब) सूरदास (स) मैथिलीषरण गुप्त (द) द्वारकाप्रसाद मिश्र
उत्तर - सूरदास

पाठ — 1 विनय के पद व्याख्या 


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