पाठ — 3
प्रेम और सौन्दर्य (बिहारी)
- सौन्दर्य — बोध — बिहारी
- श्रद्धा(कामायनी) — जयशंकर प्रसाद
अति लघुउत्तरीय प्रश्न —
- श्रीकृष्ण के हदय में किसकी माला शोभा पा रही है?
उत्तर — श्रीकृष्ण के हदय में गुंजन की माला शोभा पा रही है।
- गोपाल की आकृति कैसी है?
उत्तर — गोपाल की आकृति मकराकृति के समान है।
- श्रद्धा का गायन—स्वर किस तरह का है?
उत्तर — श्रद्धा का गायन—स्वर भ्रमरी की मधुर आवाज के समान है।
- 'मधुर विश्रांत और एकांत जगत् का सुलझा हुआ रहस्य' सम्बोधन किसके लिए है?
उत्तर — 'मधुर विश्रांत और एकांत जगत् का सुलझा हुआ रहस्य' सम्बोधन मनु के लिए है।लघु उत्तरीय प्रश्न —
- गोपाल के गले में घड़ी गुंजो की माला की तुलना किससे की गई है?
उत्तर — गोपाल के गले में पड़ी गुंजो की माला की तुलना दावानल से की गई है।
- श्रीकृष्ण के ललाट पर टीका की समानता किससे की गई है?
उत्तर — श्रीकृष्ण के ललाट पर टीके की समानता सूर्य से की गई है। जैसे — ससिमंडल की शोभा बढ़ाने हेतु सूर्य ने उसमें प्रवेश किया हो।
- मनु को हर्ष मिश्रित झटका क्यों लगा?
उत्तर — श्रद्धा का मधुर स्वर सुनकर मनु की विचार श्रृंखला टूट गई । उन्हे एक झटका सा लगा। वह आश्चर्यचकित होकर भौंचक्के से प्रफुल्लित भाव से इधर—उधर देखने लगे। वे सहसा पूछने लगे कि यह कौन है, जो सुन्दर संगीत गा रहा है।दीर्घ उत्तरीय प्रश्न —
- पीताम्बर श्रीकृष्ण के सौन्दर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर — श्याम—सलोने श्रीकृष्ण ने पीले रंग के वस्त्र पहने हुए है। उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि जैसे नीले रंग की चट्टान पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा है। गोपाल के ह्दय पर गुंजो की माला सुशोभित हो रही है। उनके मुख पर लगी हुई बिन्दी ऐसी लग रही है, जैसे — ससिमंडल की छवि बढ़ाने सूर्य आ गया है। उनके कानों में बड़े—बड़े कुंडल सुशोभित है। उनके घुॅधराले काले बाल है। गालों पर लटें पड़ रही हैं।
- 'सुरतरू की मनु सिंघु में, लसति सपल्लव डार' का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर — कबि बिहारी नायिका के सौन्दर्य वर्णन में बेजोड़ हैं। वे कहते है कि नायिका ने जो झीना सा झिलमिल वस्त्र पहना है, उसमें से उसका जो रूप झलक रहा है, मानों समुद्र की पल्लव शाखाएॅ फैल गई है, जो सुन्दर दिखाई दे रही है।
- 'अरूण रविमंडल उनको भेद दिखाई देता हो छवि धाम' का भावार्थ लिखिए।
उत्तर — 'श्रद्धा का कोमल शरीर अत्यन्त छवियुक्त है। ऐसा लग रहा था कि मानों श्यामवर्ण के मेघों के मध्य गुलाबी रंग से युक्त् बिजली का फूल खिल रहा हो। जिस प्रकार सूर्य सभी ग्रहो को प्रकाश देता है। व अपना प्रकाश सम्पूर्ण जगत में फैलाता है, ठीक उसी प्रकार श्रद्धा का मुख मंण्डल सूर्य मण्डल के समान है। वह अत्यंत छविमान एवं छवि युक्त है।
- '' प्रसाद का श्रृगारशील — सौन्दर्य चित्रण में है।'' स्पष्ट कीजिए।
उत्तर — जयशंकर प्रसाद श्रृंगार रस के श्रेष्ठ कवि है। उन्होने नायिका के सौन्दर्य का अनूठा चित्रण किया है। श्रद्धा के सौन्दर्य का वर्णन करते हुये कवि कहता है। कि उसका कोमल शरीर ऐसा लग रहा था, जैसे सुन्दर लता अपार फूलों के वैभव से लदी हुई हो अथवा कोई घनश्याम चान्दनी के आवरण में लिपटी हो। श्रद्धा का मुख मण्डल सूर्य मण्डल के समान है। नीले रोम वाली भेड़ो के चर्म से बने वस्त्र से उसका कोमन शरीर ढका हुआ है, जैसे उसने श्याममल कवच धारण कर लिया हो। उसके घुॅधराले काले बाल ऐसे प्रतीत होते है, जैसे लघु मेघ अमृत भरने के लिये चन्द्रमा के पास आये हो। श्रद्धा का रूप योवन से युक्त है। उसके स्पर्श से जड़ चीज भी चेतन हो जाती है। उसके मुख पर मुस्कान ऐसी लगती है, जैसे ऊषा की प्रथम रश्मि हो वह मधुरिमा से सिक्त हो। इस प्रकार कवि ने नायिका के सौन्दर्य का अनूठा चित्रण किया है। उनका श्रृंगारशील — सौन्दर्य चित्रण में है।वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक—एक शब्द में दीजिय —
- बिहारी के काव्य का प्रधान रस कौन सा है?
उत्तर — श्रृंगार
- 'सत्ससैया' के रचियेता कौन है?
उत्तर — बिहारी
- जयशंकर के प्रसिद्ध महाकाव्य का क्या नाम है?
उत्तर — कामायनी
- ''तू मोहन के उर्वशी, है उर्वशी समान'' में कौन सा अलंकार है।
उत्तर — यमक
- श्रद्ध काव्यांश के रचियेता कौन है?
उत्तर — जयशंकर प्रसाद
- कामायनी के नायक एवं नायिका का नाम बताते हुये इसके रचनाकार का नाम बताएॅ ?
उत्तर — मनु, श्रद्धा, व जयशंकर प्रसादरिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
- बिहारी की भाषा ..................है।
उत्तर — बृज
- प्रसाद प्रेम और ................ के श्रेष्ठ कवि है।
उत्तर — सौन्दर्य
- कामायनी एक .................है।
उत्तर — महाकाव्य
- कौन तुम? संसृति — जलनिधि तीर — तरंगो से फैली मणि एक? पॅक्ति में .............. से प्रश्न किया गया है।
उत्तर — श्रद्धा से
- मनौं नीलमनि — सैल पर, आतपु परयौ प्रभात। पंक्ति में .............अलंकार है।
उत्तर — उत्प्रेक्षा
- बिहारी की रचना ............ है।
उत्तर — बिहारी सतसई