गया समय फिर हाथ आता नहीं
अथवा
बीता हुआ समय नहीं लौटता
अथवा
समय अमूल्य धन है
समय अत्यंत बलवान है। वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। यह केवल उसी का साथ निभाता है जो सही पहचान करके इसका सदुपयोग करता है। जैसे कमान से छूटा हुआ तीर वापस नहीं आ सकता, मुँह से निकली बात को वापिस बुलाया नहीं जा सकता, पका हुआ फल भूमि पर गिर जाने पर दुबारा डाली से जोड़ा नहीं जा सकता, ठीक उसी प्रकार एक बार समय हाथ से निकल जाने पर दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। इस विषय में श्री मन्ननारायण ने एक बार लेख ‘समय नहीं मिला’ में लिखा था-“समय धन से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है।
” परंतु क्या हज़ार परिश्रम करने पर भी चौबीस घंटों में एक भी मिनट बढ़ सकते हैं? इतनी मूल्यवान वस्तु का धन से फिर क्या मुकाबला!” अतः समय तो अमूल्य है। इसकी तुलना धन से भी नहीं की जा सकती। मानव जीवन में समय विशेष रूप से महत्त्व रखता है। जगनियंता ने हर प्राणी के जीवन के क्षण निश्चित किए हैं। इस छोटे से जीवन में एक-एक पल ईश्वर का अनुपम वरदान है। कहावत है-‘एक पल का चूका कोसों पीछे जाता है।’ इसलिए एक कवि ने कहा है-“एक पल जो बीत गया, गागर सा रीत गया।”
समय का सदुपयोग जीवन में सफलता की सीढ़ी है, विकास का लक्षण है, विपदाओं का उन्मूलन है। फ्रैंकलिन ने कहा है-“तुम्हें अपने जीवन से प्रेम है तो समय को व्यर्थ मत गँवाओ क्योंकि जीवन इसी से बना है।” समय के सदुपयोग से व्यक्तिगत व सामाजिक उन्नति होती है। महान् दार्शनिक, योद्धाओं, नेताओं की सफलता का राज समय का सदुपयोग ही है। जो समय का सम्मान करते हैं, समय उनका सम्मान करता है। समय पर खाने, समय पर पढ़ने, समय पर खेलने, समय पर सोने वाले व्यक्ति अपने जीवन के समस्त कर्म यथोचित ढंग से पूरे करके उस देह का त्याग करते हैं।
जब लोग अपने समय का दुरुपयोग करते हैं, वे अपना जीवन ही व्यर्थ गंवा देते हैं। कहा गया है ‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।’ इसीलिए जब समय रूपी चिड़िया जीवन रूपी खेत में से सुखों के दाने चुगकर ले जाती है तो सिवाय पश्चाताप के और क्या रह जाता? शेक्सपीयर कहते हैं-“मैंने समय को बरबाद कर दिया और अब समय मुझे बरबाद कर रहा है।” समय का दुरुपयोग करने वाले व्यक्ति से स्वावलंबन, कर्मण्यता, सफलता दूर भागती है। ऐसे व्यक्ति के लिए मान, यश, धन एक अबूझ पहेली बन जाते हैं। वह पतन की ओर जाने के लिए बाध्य हो जाता है। कौन नहीं जानता कि नेपोलियन के सेनापति ग्रुशी के केवल पाँच मिनट के विलंब ने नेपोलियन को पराजय का मुख देखने के लिए बाधित कर दिया?
समय उनके लिए अभिशाप बन जाता है जो विगत से सबक लेकर आगत के लिए सपने संजोए बिना खाने और सोने तक ही अपने जीवन को सीमित रखते हैं। समय उनके लिए वरदान है जो जीवन के एक-एक पल को सार्थकतापूर्वक जीते हैं। समय का सदुपयोग करने वाले मर कर भी अमर रहते हैं। समय का दुरुपयोग करने वाले मात्र कब्र में स्थान पाकर स्मृति से ओझल हो जाते हैं।
यूँ तो जीवन के प्रत्येक भाग में समय का सदुपयोग आवश्यक है, तथापि विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्त्व है। विद्यार्थी जीवन सुखद भविष्य की नींव डालने वाला है। यदि इस अवस्था में समय का महत्त्व नहीं समझा तो भविष्य अंधकारमय हो सकता है। जो विद्यार्थी सारा समय खेल-कूद, शरारत, गपबाजी आदि में बिताता है वह जीवन भर पछताता है। इसलिए समय का सदुपयोग करना चाहिए। इस अवस्था में पूर्ण मनोयोग से अध्यवसायक करके, ज्ञानार्जन करके, श्रेष्ठ अंक प्राप्त करके भावी जीवन में सरसता का संचार किया जा सकता है। यदि ऐसा न किया जाए तो ‘खाली दिमाग शैतान का घर।’ ऐसे विद्यार्थी बड़े होकर क्या अपना विकास करेंगे और क्या देश का?
अतः प्रत्येक कार्य को यथासमय करना चाहिए। समय के चक्र को विपरीत नहीं घुमाया जा सकता। समय की गति में बाधा भी नहीं डाली जा सकती। किंतु इसका सही उपयोग तो किया जा सकता है। समय का सही उपयोग ही जीवन में उन्नति का द्वार है और समय के सही उपयोग का उपाय है-समय नियोजन। अतः आइए, समय को हाथ से निकलने से पूर्व ही इसका उचित कार्यों में प्रयोग कर लें। यही जीवन की सार्थकता की ओर एक सुनिश्चित और सुदृढ़ कदम होगा।
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