पाठ — 5, प्रकृति — चित्रण

  1. ऋतु—वर्णन — पद्माकर
  2. बादल को घिरते देखा है — नागार्जुन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न — 

  • कबि के अनुसार वनों और बागों में किसका विस्तार है?
उत्तर — कवि के अनुसार वनों और वागों में वसंत का विस्तार है।
  • तन, मन, और वन में परिवर्तन किसके प्रभाव से दिखाई दे रहा है?
उत्तर — तन, मन, वन में परिवर्तन वसंत के प्रभाव में दिखाई दे रहा है।
  • कन्हैया के मुकुट की शोभा क्यों बढ़ गई है?
उत्तर — शरद—ऋतु की चॉदनी से कन्हैया के मुकुट की शोभा बढ़ गई है।
  • कवि ने हिमालय की झीलों में किसको तैरते हुए देखा है?
उत्तर — कवि ने हिमालय की झीलों में हंसो को तैरते हुए देखा है। 
  • कवि ने बादलों को कहॉ घिरते देखा है?
उत्तर — कवि ने हिमालय पर्वत पर बादलों को घिरते देखा है। 
  • कौन अपनी अलख नाभि से उठने वाले परिमल के पीछे—पीछे दौड़ता है। 
उत्तर — कस्तूरी हिरण नाभि से उठने वाले परिमल के पीछे—पीछे दौड़ता है। 

 लघु उत्तरीय प्रश्न — 

  • वसंत ऋतु के आगमन पर प्रकृति में कौन से परिवर्तन होते है?
उत्तर — वसंत ऋतु के आगमन पर पत्ते हरे—भरे हो जाते है। बहार आ जाती है। प्रात:काल मंद—मंद पवन चलने लगती है। चकवा—चकवी पक्षी प्रणयकिल्लोल करते दिखाई देते है। सूरज की स्वर्णिम किरणें पर्वत शिखरों को स्पर्श करती दिखाई देती है। 
  • यमुना तट पर किसकी छटा बिखरी हुई है?
उत्तर — यमुना तट पर हरियाली छाई हुई है। सुंदर—सुंदर,क्याशियॉ है। इन सभी पर वसंत की बहार है। 
  • कवि के अनुसार 'घनेरी घटाएॅ' कया कर रही है?
उत्तर — घनेरी घटाएॅ उमड़—घुमड रही है। गरज—गरजकर बरस रही है। बादल इन घनेरी घटाओं से घिर गए है। 
  • निशाकाल से चिर अभिशापित किसे कहा गया है?
उत्तर — निशाकाल से चिर अभिशापित चकवा और चकवी को कहा गया है, जो रात्रि होने पर अलग—अलग हो जाते है और प्रात: काल होने पर प्रणय करने लगते है।
  • कवि ने भीषण जाड़ो में किसे 'गरज—गरज कर भिडते देखा' है?
उत्तर — कवि ने भाीषण जाड़ों में बादलों को गरज—गरज कर भिड़ते देखा है। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न — 

  • पद्माकर ने वर्षा ऋतु में प्रकृति का चित्रण किस तरह किया है? उल्लेख कीजिए। 
उत्तर — पद्माकर ने वर्षाऋतु का चित्रण करते हुए कहा है कि वर्षाऋतु में घनघोर बादल घुमड़ आए हैं। बिजली चमक रही है। ठंडी बयार तन—मन को छू रही है। लताएॅ, वृक्ष, हवा—पानी से लरज—लरज गए है। सुंदर मनोहारी दृश्य उभर आया है। 
  • कवि के अनुसार वसंत का प्रभाव कहॉ—कहॉ दिखायी दे रहा है?
उत्तर — वसंत का प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहा है। पेड़—पौधे हरे—भरे हो गए है। चारों ओर हरियाली छा गई है। हवा में शीतलता आ गई है। सूर्य की सुनहरी किरणें पर्वत शिखरों को छू रही है। विरही चकवा—चकवी प्रणय किल्लोल कर रहे है। वातावरण अत्यन्त मनमोहक हो गया है।
  • नागार्जुन ने 'कवि कल्पित' संदर्भ किसे माना है? स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर — नागार्जुन ने कालिदास को 'कल्पितकवि' माना है, क्योकि उन्होंने अपनी रचनाओं में कल्पनाओं का सहारा लिया है। मेघदूत उनकी प्रमुख रचनाओं में से एक है। नागार्जुन कवि कहते है कि मुझे तो कैलाश पर्वत पर न तो व्योमप्रवाही गंगाजल दिखाई पड़ता है और न ही मेघदूत। ये तो सिर्फ कालिदास की कल्पना मात्र थी। 
  • नागार्जुन के अनुसार वसंत ऋतु के उषाकाल का वर्णन कीजिए। 
उत्तर — वसंत ऋतु के उषाकाल में वातावरण अत्यन्त मनमोहक हो जाता है। मंद—मंद शीतल हवा बहती है। सूर्य की सुनहरी किरणें पर्वत—शिखरों को स्पर्श करने लगती है। विरही चकव—चकवी नीली हरी शैवाल पर प्रण्य क्रंदन करने लगते है।  

सही विकल्प चुनकर उत्तर दीजिए — 

1. पद्माकर ................. के कवि है।(अ) वीरगाथाकाल (ब) भक्तिकाल (स) रीतिकाल (द) आधुनिक काल
उत्तर — रीतिकाल।
2. नागार्जुन का बचपन का नाम ............... था। (अ) नाग  (ब) अर्जुन  (स) वैद्यनाथ (द) धर्मनाथ
उत्तर — वैद्यनाथ। 
3. नागार्जुन आधुनिक युग के ............... ​कवि है। (अ) सौन्दर्य—प्रेमी (ब) प्रकृति—प्रेमी (स) देश—प्रेमी (द) साहित्य—प्रेमी
उत्तर — प्रकृति—प्रेमी।
4. नागार्जुन ने हिमालय की झीलों में किसकों तैरते देखा?(अ) कबूतरों  (ब) मछलियों (स) हंसों  (द) अजगरों
उत्तर — हंसो। 




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