गद्य भारती
पाठ — 1
मैं और मेरा देश (कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर')
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
- कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' के विकास में उनके नगर का योगदान लिखिए।
उत्तर — लेखक श्री प्रभाकरजी के विकास में उनके नगर का विशेष योगदान रहा। अपने देवबंध नगर में वे घूमें—फिरे। वहॉ के विशाल समाज के सम्पर्क में आए। वही से शिक्षा पाई। लोगों के सहयोग से जीवन में आगे विकास किया।
- ''जी हॉ, एक भूकम्प आया था'' लेखक का इस कथन से क्या आशय है?
उत्तर — उक्त कथन से लेखक का यह आशय है कि उनके मानस में विचारों की दीवार में दरार आ गई और जीवन में एक भूकम्प — सा आ गया
- जापानी युवक ने स्वामी रामतीर्थ को दिए गए फल के मूल्य के रूप में क्या मॉगा?
उत्तर — जापानी युवक ने स्वामी रामतीर्थ को दिए गए फल के मूल्य के रूप में यह मॉगा कि '' आप अपने देश में जाकर किसी से यह न कहिएगा कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।
- ·बूढे किसान ने राष्ट्रपति को कौन — सा उपहार दिया?
उत्तर — बूढे किसान ने राष्ट्रपति कमालपाशा को उपहार के रूप में मिट्टी की छोटी हॅडियॉ में पाव भर शहद दिया। इसे वह बूढा स्वयं तोड़कर लाया था।
लघु उत्तरीय प्रश्न —
- तेजस्वी पुरूष लाला लाजपत राय की दो विशेषताएॅ कौन सी थीं?
उत्तर — लाला लाजपतरायजी की मुख्य दो विशेषताएॅ थीं —
1. उनकी कलम आग उगलती थी।
2. उनकी वाणी क्रान्ति उत्पन्न कर देती थी। उनकी कलम और वाणी दोनों में तेजस्विता की अद्भुत किरणें थी।
- · दर्शन शास्त्रियों के अनुसार जीवन कैसा है?
उत्तर — दर्शन शास्त्रियों के अनुसार जीवन बहुमुखी है। उसकी अनेक धाराएॅ है। जीवन एक युद्ध है, जिसमें लड़ना पड़ता है। लड़ने वालों को रसद पहुॅचानी पड़ती है। विजय के लिए जयकारा भी लगाना होता है।
- लेखक अपने देश की सम्मान — रक्षा के लिए क्या विचार रखता है?
उत्तर — अपने देश की सम्मान — रक्षा के लिए व्यक्ति को हर सम्भव उत्सर्ग करने के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए। हम ऐसा काम करें कि जिससे देश का सिर ऊॅचा हो, न कि देश के मस्तक पर कलंक का टीका लगाएॅ।
- · स्वामी रामतीर्थ जापानी युवक का उत्तर सुनकर मुग्ध हो गये। क्यों?
उत्तर — स्वामी रामतीर्थ जापानी युवक का उत्तर सुनकर इसलिए मुग्ध हो गये कि उसने अपने कार्य से अपने देश का गौरव जाने कितना बढ़ा दिया था। स्वामीजी की दृष्टि में वह युवक सच्चा देश — भक्त लग रहा था।
- लेखक के अनुसार हमारे देश को किन दो बातों की सर्वाधिक आवश्यकता है?
उत्तर — लेखक के अनुसार हमारे देश को निम्नलिखित दो बातों की सर्वाधिक आवश्यकता है —
1. देश के नागरिकों को अपनी शक्ति का बोध हो।
2. उन्हें अपने सौन्दर्य का बोध हो।
संक्षेप में, हम देश में कमजोरी की भावना को जन्म न दे और दुर्भावना न फैलाएॅ।
· देश के सामूहिक मानसिक बल का हास कैसे हो रहा है?
उत्तर — यदि हम चलती रेलों में, मुसाफिर खानों में, क्लबों में, चौपालों पर और मोटर — बसों में कभी ऐसी चर्चा करते है कि हमारे देश में यह नहीं हो रहा है, वह नहीं हो रहा है, बड़ी गड़बड है, बडी परेशानी है, तो हम देश के शक्ति — बोध को भयंकर चोट पहुॅचा रहे है और अपने हाथों देश के सामूहिक बल का हा्स हो रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न —
- 'जय' बोलने वालों का महत्तव प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर — 'जय' बोलने वालेां का भी बड़ा महत्तव होता है। युद्ध में 'जय' न बोली जाये, तो सैनिकों का मनोबल गिरने लगता है। खेल के मैदान में अपने पक्ष के खिलाड़ियों की 'जय' न बोली जाए, तो खिलाडियों के मन में उदासीनता घर करने लगती है। दर्शकों की तालियॉ बजने पर खिलाड़ियों के पैरो में बिजली लग जाती है। और गिरते खिलाड़ी उभर जाते हैं। यही हाल कवि — सम्मेलनों और मुशांयरों में देखा जा सकता है। वहॉ श्रोता — समुदाय से दाद न मिले, समर्थन न मिले तो कवियों और शायरों का सारा परिश्रम व्यर्थ चला जाता है। आयोजकों का तो और भी बुरा हाल होता है।
- जापान में शिक्षा लेने आए विद्यार्थी की कौन सी गलती से उसके देश के माथे पर कलंक का टीका लग गया?
एक दूसरे देश का निवासी एक युवक जापान में शिक्षा लेने आया। एक दिन वह सरकारी पुस्तकालय से एक पुस्तक पढ़ने को लाया। इसमें कुछ बड़े सुन्दर और दुर्लभ चित्र थे। युवक ने इन चित्रों को पुस्तक में से निकाल लिए और पुस्तक वापस कर दी। किसी जापानी विद्यार्थी ने यह देख लिया। उसने पुस्तकालय को इसकी सूचना दे दी। पुलिस ने तलाशी ली। वे चित्र उस विद्यार्थी के कमरे में बरामद हुए। सजा के रूप में उस विद्यार्थी को जापान से निकाल दिया। अपनी इस थोड़ी सी गलती से उस युवक के देश के माथे पर कलंक का टीका लग गया।
- देश के शक्ति — बोध को चोट कैसे पहुॅचती है?
उत्तर — यदि देश के नागरिक चलती रेलों में, मुसाफिर खानों में, क्लबों में, चौपालों पर और मोटर — बसों में कभी ऐसी चर्चा करें कि हमारे देश में यह नहीं हो रहा है, वह नहीं हो रहा है, बड़ी गड़बड, है, बड़ी परेशानी है, तो इससे देश के शक्ति — बोध को भयंकर चोट पहुॅचती है। देश कमजोर होता है। शत्रु इस कमजोरी का फायदा उठाने से नहीं चूकते हैं।
- ''देश के सौन्दर्य — बोध को आघात लगता है, तो संस्कृति को गहरी चोट लगती है'' — उक्त कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर — यदि हम केला खाकर छिलका सड़क पर फेंक देते हैं, घर का कूडा बाहर फेंकते हैं, मुॅह से अपशबद बोलते हैं, इधर की उधर लगाते है, अपना घर, दफ्तर, मोहल्ला आदि गन्दा रखते है, जहॉ — तहॉ थूकते रहते हैं, उत्सवों, मेंलों, रेलों आदि में ठेलमठेल या धक्का — धूमी करते है। हमारी संस्कृति को गहरी चोट लगती है। अत: किसी भी देश के सभ्य नागरिकोंं का यह परम कत्र्तव्य है कि वे अपने अन्त:करण में सौन्दर्य — बोध जगाएॅ और संस्कृति की रक्षा करें।
- देश के लाभ और सम्मान के लिए नागरिकों के कत्र्तव्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर — देश के लाभ और सम्मान के लिए नागरिकों को निम्नलिखित कत्र्तव्यों का पालन करना चाहिए।
1. वे संघर्षशील और उघमशील रहे।
2. अच्छा कार्य करने वालों की प्रशंसा करें।
3. देश के हित को सर्वोपरि मानें।
4. देश की रक्षा करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें।
5. ऐसा कार्य न करें, जिससे देश बदनाम हो।
6. देश में प्रेम, भाई — चारे और सौहाद्र्र का वातावरण बनाकर रखें।
7. सभी नागरिक एकता के सूत्र में बॅधकर रहें।
8. दूसरों के साथ अनुचित एवं अप्रिय व्यवहार न करें।
9. योग्य व्यक्ति को वोट देकर अपना नेता बनाएॅ।
10. दागी और बागी लोग सरकार में घुसपैठ न करे।
11. संविधान और राष्ट्रध्वज का सदैव सम्मान करें।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर —
सत्य/असत्य बताइए —
- जीवन को दर्शन शास्त्रियों ने बहुमुखी बताया है।
सत्य
- युद्ध में जय बोलने वालों का महत्व नहीं है।
असत्य
- लाला लाजपतराय की कलम और वाणी दोनों में तेजस्विता की अद्भुत किरणें थीं।
सत्य
- जीवन एक विश्राम है, युद्ध नहीं।
सत्य
- कवि सम्मेलनों और मुशायरों की सफलता दाद देने वालों पर निर्भर करती है।
सत्यरिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए —
- हमारे देश को दो बातों की सबसे अधिक जरूरत है — शक्ति बोध और ..............
सौन्दर्य — बोध
- कमालपाशा ....................... के राष्ट्रपति थे।
तुर्की
- देहाती बूढे ने कमालपाशा को भेंट में ................दिया।
पाव भर शहद
- स्वामी रामतीर्थ ..................गये थे।
जापान